नई दिल्ली। नेशनल जनमत ब्यूरो
आने वाले समय में इंजीनियर बनना और मुश्किल हो जाएगा। केन्द्र सरकार के अधीन काम करने वाली संस्था ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन यानी AICTE ने देश में सैकड़ों इंजीनियरिंग कॉलेज बंद करने का निर्णय लिया है।
खबरों के मुताबिक एआईसीटीई ने 800 इंजीनियरिंग कॉलेजों के बंद करने का ऐलान किया है। ये इंजीनियरिंग कॉलेज आगामी शिक्षण सत्र में बंद हो जाएंगे। AICTE ने अभी इनमें से 65 कॉलेजों की लिस्ट को सार्वजनिक किया है. अभी कॉलेजों से कहा गया है कि सितंबर के दूसरे सप्ताह तक वे अपनी रिपोर्ट सब्मिट करें.
एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल दत्तात्रेय सहस्रबुद्धे ने कहा है कि इन कॉलेजों में न तो मूलभूत ढांचा बेहतर है और न इनकी सीटें ही पूरी तरह भर पा रही हैं. एआईसीटीई के नियमों के मुताबिक अगर किसी कॉलेज में ज़रूरी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं और लगातार पांच साल तक उसमें 30 फीसदी या इससे कम सीटें भरती हैं तो उसे बंद दिया जाता है.
एआईसीटीई की वेबसाइट के मुताबिक इस संस्था ने 2014-15 से 2017-18 तक देश में 410 से ज़्यादा इंजीनिरिंग कॉलेजों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की अनुमति दी है. इनमें सबसे ज़्यादा कॉलेज 2016-17 बंद किए गए हैं.
जबकि राज्यों की बात करें तो तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, गुजरात और मध्य प्रदेश में सर्वाधिक इंजीनियरिंग कॉलेज बंद किए जाने की तैयारी है. ख़बर के मुताबिक चरणबद्ध तरीके से कॉलेज को बंद करने का मतलब है कि वह प्रथम वर्ष के बच्चों को दाख़िला नहीं दे सकता.
लेकिन जिन बच्चों को पिछले सालों में वहां प्रवेश दिया चुका है उन्हें वहीं से डिग्री पूरी करने की अनुमति दी जाएगी. जिन कॉलेजों में पिछले पांच सालों में 30 प्रतिशत से कम दाखिले हुए हैं, उन्हें या तो बंद किया जाएगा या दूसरे कॉलेजों के साथ मर्ज कर दिया जाएगा।
देखें 65 इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम-