नेशनल जनमत ब्यूरो, लखनऊ
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उमर अब्दुल्ला की रिहाई पर बयान दिया कि उमर और महबूबा मुफ़्ती पर एक ही धाराएं लगाई गयी थीं। मुफ़्ती अब भी हिरासत में हैं जबकि अब्दुल्ला बाहर हैं। ऐसा क्यों है? क्या इसलिए क्योंकि अब्दुल्ला सचिन पायलट के साले हैं?
राजस्थान की सियासी उठा पटक में मुख्यमंत्री अशोक सिंह गहलोत से पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की बगावत के दौरान जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके पिता पूर्व सीएम फारुख अबदुल्ला की समय सीमा से पहले रिहाई हुई है।
इस पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने सवाल उठाते हुए इसे राजस्थान के सियासी ड्रामे से जोड़ा है। मालूम रहे कि सचिन पायलट की पत्नी सारा पायलट जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला की बेटी और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की बहन हैं।
बघेल बोले मुफ्ती की रिहाई क्यों नहीं ?
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक अंग्रेजी अखबार से कहा है कि , ‘जहां तक सचिन पायलट की बात है, तो मैं राजस्थान की घटनाओं पर बहुत ज्यादा नजर नहीं रख रहा हूँ।

लेकिन एक बात की जिज्ञासा है कि क्यों उमर अब्दुल्ला को रिहा किया गया? उन पर और महबूबा मुफ्ती जी पर एक ही धाराएं लगाई गई थीं, वह तो अब भी हिरासत में हैं जबकि अब्दुल्ला बाहर हैं। क्या यह इसलिए है क्योंकि अब्दुल्ला, सचिन पायलट के साले हैं?’
उमर अब्दुल्ला ने जताई नाराजगी-
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि वह इन दुर्भावनापूर्ण और झूठे आरोप से तंग हो चुके हैं। उनकी और उनके पिता की रिहाई को सचिन पायलट की बगावत से जोड़ा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणी को लेकर वह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के खिलाफ वह कानूनी कार्रवाई करेंगे। अब भूपेश बघेल मेरे वकीलों से ही बात करेंगे।
अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, रणदीप सिंह सुरजेवाला और कांग्रेस पार्टी को भी टैग किया।
इस ट्वीट के कुछ मिनटों बाद ही भूपेश बघेल ने ट्वीट किया,‘उमर अब्दुल्ला जी, कृपया लोकतंत्र के त्रासद नाश को अवसर में तब्दील न करें। ‘आरोप’ बस एक पूछा गया सवाल था और हम यह पूछते रहेंगे और देश भी पूछेगा। ’
गौरतलब है कि कांग्रेस ने पायलट की बगावत के पीछे भाजपा का हाथ होने का आरोप लगाया है। बगावत के चलते पायलट को राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है।
बता दे कि इसके बाद सचिन पायलट ने कहा था कि वे भाजपा में नहीं शामिल हो रहे हैं और अभी भी कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं।
हालांकि, राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार आरोप लगा रहे हैं कि सचिन पायलट पिछले छह महीने से भाजपा के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश रच रहे हैं और उनके पास विधायकों की खरीद-फरोख्त के सबूत भी हैं।
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