नई दिल्ली, नेशनल जनमत ब्यूरो।
ऐसे समय में जब पुलिस के प्रति एक आदमी का अनुभव उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति का होता है। ऐसी खबरें पुलिस प्रशासन के प्रति सकारात्मक संदेश देने के साथ ही यह भी स्थापित करती हैं कि मानवता अभी बची हुई है।
मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में पड़ने वाले छतरपुर जिले की निवासी रीना पटेल वर्तमान में नौगांव एसडीओपी (डिप्टी एसपी) कार्यालय में कांस्टेबल के पद पर पदस्थ हैं।
अपनी जान की परवाह किए बिना जलती कार से दो लोगों को सुरक्षित निकालने वाली रीना पटेल को हरपालपुर थाने में पोस्टिंग के दौरान इस साहसिक कार्य को अंजाम देने के लिए राष्ट्रपति द्वारा दिए जाने वाले देश के दूसरे सबसे बड़े जीवन रक्षा सम्मान “उत्तम जीवन रक्षा पदक” से नवाजा जाएगा।
राज्यपाल करेंगे सम्मानित-
आरक्षक रीना को यह सम्मान मध्य प्रदेश के राज्यपाल द्वारा दिया जाएगा। भारत सरकार के गृह सचिव राजीव गौवा ने इस आशय का पत्र आरक्षक को भेजा है।
पत्र के अनुसार उन्हें राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत देश का दूसरा जीवन रक्षा सम्मान (उत्तम जीवन रक्षा पदक) मध्य प्रदेश के राज्यपाल द्वारा मेडल, प्रमाण पत्र सहित नगद राशि देकर सम्मानित किया जाएगा।
देश भर से 13 को मिलेगा सम्मान-
राष्ट्रपति की स्वीकृति से दिया जाने वाले यह सम्मान लोगों का जीवन बचाने के लिए तीन श्रेणियों में दिया जाता है। सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक, उत्तम जीवन रक्षा पदक और जीवन रक्षा पदक।
2017 में इस पुरस्कार के लिए सर्वोत्तम की श्रेणी में 07, उत्तम में 13 और जीवन रक्षा पदक के लिए 24 लोगों को मिलाकर कुल 44 नामों पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी मोहर लगाई है।
2016 में बचाई थी जान-
दतिया जिले के पंडोखर थाने के अंतर्गत आने वाले गांव मंगरौली के श्याम गुर्जर और राघवेंद्र गुर्जर किसी काम से छतरपुर आए थे। वे नौगांव के रास्ते वापस घर लौट रहे थे। तभी नौगांव से करीब 8-9 किमी दूर स्थित गांव पुतरिया के पास उनकी कार में आग लग गई।
कार गैस सिलेंडर से चल रही थी। जलती कार में आग लगने से दोनों लोग घबरा गए और कार में ही बेहोश हो गए। तभी वहां से गुजर रही एक बस में बैठी कांस्टेबल रीना पटेल ने उनकी चीख-पुकार सुनी।
कांस्टेबल ने फौरन बस को रुकवाया और कुछ यात्रियों की मदद से कांच तोड़कर दोनों यात्रियों को बाहर निकाला। इस दौरान रीना की 4 साल की बेटी लक्षिता भी बस में उनके साथ थी।
नेशनल जनमत से रीना पटेल ने बताया कि इस दौरान मेरी 4 साल की बेटी बस में सहमी-सी बैठी रही। लेकिन मैंने अपनी ड्यूटी अच्छे से निभाई, जिसके लिए मुझे सम्मान मिल रहा है मेरे लिए इससे ज्यादा और क्या खुशी की बात है ?
सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक-
1. एफ लालछंदमा (मरणोपरांत), मिजोरम
2. बबलू मार्टिन (मरणोपरांत), मध्य प्रदेश
3. के पुगाजेन्डी (मरणोपरांत), पुडुचेरी
4. मास्टर सुप्रीत राठी (मरणोपरांत), दिल्ली
5. दीपक साहू (मरणोपरांत), मध्य प्रदेश
6. सत्यवीर (मरणोपरांत), दिल्ली
7. बसंत वर्मा (मरणोपरांत), मध्य प्रदेश
उत्तम जीवन रक्षा पदक
1. शेख सलीम गफ़ूर, गुजरात
2. रवि गोर्ले, आंध्र प्रदेश
3. राजेंद्र तुकाराम गुरव, महाराष्ट्र
4. डॉ. सुनीम अहमद खान, जम्मू और कश्मीर
5. बी. लल्तलंगथंगा, मिजोरम
6. लियानमिंगथंगा, मिजोरम
7. मास्टर पंकज महंता, ओडिशा
8. अमीन मोहम्मद, केरल
9. भानु चंद्र पांडेय, महाराष्ट्र
10. श्रीमती रीना पटेल, मध्य प्रदेश
11. सुजन सिंह, हिमाचल प्रदेश
12. सत्येन सिंह, कर्नाटक
13. मास्टर ज़ोनुंतलुआंगा, मिजोरम
जीवन रक्षा पदक श्रृंखला पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिए जाते हैं जिन्होंने मानवता का परिचय देते हुए किसी दूसरे व्यक्ति की प्राण रक्षा का महान कार्य किया हो। जीवन के हर क्षेत्र के स्त्री और पुरुष, दोनों पुरस्कारों के पात्र हैं। पुरस्कार मरणोपरांत भी प्रदान किए जाते हैं।
पुरस्कारों के तहत पदक, गृह मंत्री द्वारा हस्ताक्षरित प्रमाणपत्र और एकमुश्त नकद पुरस्कार दिए जाते हैं, जिन्हें उन राज्यों की सरकारें प्रदान करती हैं जहां के पुरस्कृत व्यक्ति रहने वाले हैं।
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