नई दिल्ली। नेशनल जनमत ब्यूरो
वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक चिंतक उर्मिलेश उर्मिल के राज्य सभा टीवी चैनल को छोड़ने की खबर उनके प्रशंसकों के बीच तेजी से फैली. अब उनके
तमाम प्रशंसक मांग कर रहे हैं कि उर्मिलेश जी को ये जरूर बताना चाहिए कि उन्हें राज्यसभा टीवी क्यों छोड़नी पड़ी. राज्य सभा टीवी पर उनके शो मीडिया मंथन का आज साढ़े सात बजे शाम को अंतिम बार प्रसारण होगा.
क्या संघी मानसिकता का ना होना वजह है-
सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं कि संभवत: उर्मिलेश जी ने जातीय उत्पीड़न या फिर वैचारिक तारतम्य न बैठने के चलते राज्यसभा टीवी को छोड़ दिया है. आपको बता दें कि उर्मिलेश पूर्वी यूपी के गाजीपुर जिले के रहने वाले हैं और ओबीसी समुदाय की यादव जाति से ताल्लुक रखते हैं. सामाजिक न्याय के पक्षधर हैं और गलत लगने पर सरकार की खुलकर आलोचना करते हैं. राज्यसभा टीवी पर चलने वाला आपका शो मीडिया मंथन काफी लोकप्रिय भी रहा है. इस शो को उर्मिलेश सात साल से होस्ट कर रहे थे.
सोशल मीडिया पर उठे सवाल-
उर्मिलेश जी के राज्यसभा टीवी छोड़ने से निराश सामाजिक चिंतक सुनील यादव अपनी फेसबुल वॉल पर लिखते हैं कि आज मीडिया मंथन के अंतिम प्रस्तुति के साथ राज्य सभा चैनल से बचा खुचा नाता भी एक पत्रकार का खत्म हो गया. उस पत्रकार का जिसने राज्यसभा टीवी को कार्यकारी संपादक के रूप में बेहतरीन शुरुवात दी. एक दिन अचानक उसने राज्यसभा टीवी के कार्यकारी संपादक पद से त्यागपत्र दे दिया.
कभी किसी के जेहन में एक सवाल तक नहीं उठा कि उर्मिलेश जैसे पत्रकार ने त्यागपत्र क्यों दे दिया? आखिर कुछ तो कारण रहा होगा? हाशिए के समाज की मीडिया में गूंजने वाली इकलौती आवाज के लिए किसी आलाने-फलाने पिछड़े नेता ने कोई सवाल उठाया?? मैं जिसके हुनर को पसन्द करता हूँ लाख उसका प्रशंसक होने के बावजूद उससे व्यक्तिगत सवाल नहीं पूछ पाता. अगर पूछ पाता तो त्यागपत्र के पीछे के रहस्यों के बारे में जरूर पूछता.
मीडिया मंथन के बंद होने के पीछे के सवाल को भी जरूर पूछता. आज सबसे बड़ा सवाल ये है कि कोई अपने विजन में पत्रकारिता को मिशन की तरह चलाए और उसके साथ होने वाले घटनाक्रमों से यह समाज विचलित भी न हो, किसी के जेहन में कोई सवाल न उभरे तो इसे क्या कहा जा सकता है?
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