नई दिल्ली, नेशनल जनमत ब्यूरो ।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अपर निदेशक के पद पर तैनात IAS हीरा लाल को प्रतिष्ठित “रजत की बूंदें” राष्ट्रीय जल पुरस्कार देने की घोषणा हुई है। नीर फाउंडेशन द्वारा दिया जाने वाना यह पुरस्कार जल एवं पर्यावरण के क्षेत्र में खास योगदान के लिए विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी देश भर की हस्तियों को हर साल प्रदान किया जाता है।
26 जुलाई को दिए जाने वाले इस पुरस्कार के लिए IAS हीरा लाल जी का चयन बुंदेलखंड के बांदा का जिलाधिकारी रहते हुए पारंपरिक जलश्रोतों के उन्नयन एवं जल संरक्षण के प्रति जिले की जनता में जनजागरूकता फैलाने की दिशा में बेहतर काम के लिए किया गया है।

श्री हीरा लाल के अलावा पर्यावरण, प्रदूषण एवं जल संकट जैसी समस्याओं के समाधान की दिशा में उल्लेखनीय योगदान के लिए अतुल पटेरिया (दैनिक जागरण, नई दिल्ली), नीलम दीक्षित (महाराष्ट्र), संत बलबीर सिंह सींचेवाल (पंजाब), शिव पूजन अवस्थी (मध्य प्रदेश), विनोद कुमार मेलाना (राजस्थान) एवं श्री उमा शंकर पाण्डेय (उत्तर प्रदेश) को भी दिया जा रहा है।
गहराता जल संकट अच्छा संकेत नहीं- हीरालाल
नेशनल जनमत से बातचीत में IAS हीरालाल ने कहा कि जिस प्रकार से प्रतिवर्ष जल संकट गहराता जा रहा है, सतही व भू-जल प्रदूषित हो रहा है तथा छोटी व बरसाती नदियां प्रदूषित का शिकार हो चुकी हैं तथा मरणासन्न हैं। यह भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र में सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने और लोगो में जागरूकता लाने की बहुत जरूरत है। जिलाधिकारी रहते हुए मैंने शासन की योजनाओं को जनता तक पहुंचाया। मैं एक जिलाधिकारी के बतौर यही कर सकता था जो मैंने विभिन्न विभागों का समन्वय बनाकर किया।
जल को संरक्षित करने, प्राकृतिक जल संरचनाओं को संवारने, प्रदूषण की समस्या से निजात दिलाने तथा नदियों को पुनर्जीवित करने के प्रयासों को और भी गतिशील बनाए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस दिशा में सराहनीय काम किए हैं जिनमें से बुंदेलखंड के हर घर में नल से जल जैसी योजना प्रमुख है। सरकार के इन प्रयासों में जन भागीदारी बढ़ाए जाने की प्रबल जरूरत है।
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