लखनऊ, नेशनल जनमत ब्यूरो।
“ मैं दिल्ली-मुंबई से बचकर बलिया में चली आई, लेकिन, यहां मुझे रणनीति के तहत फंसाया गया है, इससे मैं काफी दुखी हूं, लिहाजा, मेरे पास आत्महत्या करने के लिए अलावा कोई विकल्प नहीं है, हो सके तो मुझे माफ कर दीजिएगा “
भ्रष्टाचार की जड़ें इस हद तक सिस्टम के अंदर गहरी हो चुकी हैं कि ईमानदारी अधिकारियों के लिए सांस लेना तक मुश्किल होता जा रहा है। ईमानदार युवा अधिकारी भ्रष्ट सिस्टम के साथ कदमताल करें तो खुद का जमीर जीने नहीं देगा और नहीं करेंगे तो भ्रष्ट तंत्र।
खबर उत्तर प्रदेश के बलिया से है जहां भ्रष्ट सिस्टम से लड़ते-लड़ते ईमानदार व युवा महज 27 साल की महिला पीसीएस ऑफिसर की हिम्मत जवाब दे गई और उसको आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा।

बलिया जिले के कोतवाली इलाके में पीसीएस अफसर मणि मंजरी राय ने सोमवार देर रात पंखे के हुक से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। हालांकि पिता ने स्थानीय अधिकारियों और ठेकेदारों पर हत्या का आरोप लगाया है। वो मनिया नगर पंचायत में अधिशासी अधिकारी के तौर पर तैनाती थीं।
अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय गाजीपुर जिले के थाना भावरकोल की रहने वाली थीं। उन्होंने 2 साल पहले मनिया नगर पंचायत में कार्यभार ग्रहण किया था।
शव के पास मिला सुसाइड नोट–
अधिशासी अधिकारी के शव के पास एक सुसाइड नोट मिला। इसमें उन्होंने लिखा- “मैं दिल्ली-मुंबई से बचकर बलिया में चली आई, लेकिन, यहां मुझे रणनीति के तहत फंसाया गया है, इससे मैं काफी दुखी हूं, लिहाजा, मेरे पास आत्महत्या करने के लिए अलावा कोई विकल्प नहीं है, हो सके तो मुझे माफ कर दीजिएगा “
मृतका के पिता ने लगाए गंभीर आरोप-
पिता जय ठाकुर राय ने बेटी की हत्या कर कमरे में शव लटकाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वह आत्महत्या कर ही नहीं सकती। लगातार उसकी परिवार वालों से बात हो रही थी। बेटी को लगातार परेशान किया जा रहा था।
उन्होंने कुछ अधिकारियों, ठेकेदारों की ओर इशारा किया। पिता का कहना है कि लगातार इस बारे में वह कहती थी। रविवार को उससे बात हुई तो उसने बताया कि उसका ड्राइवर हटा दिया गया था। वह खुद गाड़ी लेकर आने जाने लगी थी। फर्जी पेमेंट को लेकर उसे लगातार परेशान किया जा रहा था।
पिता ने कहा कि उनको बेटी के कमरे में भी नहीं जाने दिया गया। रात में केवल बॉडी दिखाई गई। इस मामले की शासन जांच कराए और हमें न्याय दे।
2 करोड़ टेंडर से जुड़े हो सकते हैं तार-
सरकारी महकमे से जुड़े लोगों के बीच चर्चा है कि आत्महत्या के पीछे कारण दो माह पहले हुए विकास कार्य के दो करोड़ रुपए का टेंडर तो नहीं था। इस टेंडर के दौरान सरकारी नियम-कानून की बात महिला पीसीएस ने खड़ी की थी। दो करोड़ रुपए के टेंडर को लेकर मणि मंजरी राय पर लगातार दबाव बन रहा था।
उनका कहना था बिना बोर्ड के प्रस्ताव पारित पर कार्य आदेश जारी नहीं होगा। वजह कि टेंडर के खोलने के दौरान वह अनुपस्थित थीं। और दस्तावेजों पर उनके सिग्नेचर नहीं हुए थे।
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