लखनऊ, नेशनल जनमत ब्यूरो।
कानपुर देहात जिले की पुलिस ने मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के सुशील तिवारी व उनके कार चालक को तो सोमवार रात छुड़ा लिया और अपहरण के आरोप में भाजपा कानपुर देहात के जिला मंत्री समेत तीन लोग गिरफ्तार भी कर लिए हैं। लेकिन लोगों का सवाल अब भी यही है कि कानपुर के SSP के आश्वासन और 30 लाख रुपये फिरौती देने के बाद भी संजीत यादव कब लौटकर घर आ पाएगा ?
कानपुर देहात के जिला मंत्री बीजेपी सत्यम चौहान पर आरोप है कि ज्योतिषी को छोड़ने के लिए पत्नी को फोन कर एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। इस दौरान ज्योतिषी के खाते से दो लाख 35 हजार रुपये भी निकाल लिए गए थे।

उसकी पत्नी ने मध्य प्रदेश की खंडवा पुलिस से मदद मांगी थी। वहां की सूचना पर अकबरपुर पुलिस ने तहरीर लेकर रिपोर्ट दर्ज कर तलाश शुरू की थी। एसपी कानपुर देहात अनुराग वत्स ने बताया कि सुशील तिवारी ज्योतिषी हैं।
वह चमत्कारी वस्तुओं को पहचान करके उनके फायदे बताते हैं। इसकी फीस लेते हैं। इन्हें 19 जुलाई को अकबरपुर बुलाकर नबीपुर के हाईवे प्वाइंट होटल में ठहराया गया था।
इसके बाद सुशील तिवारी व उनके कार चालक खंडवा के ही सुनील तिवारी का अपहरण कर लिया गया। इन दोनों को अज्ञात स्थान पर रखा गया। वहां इनकी पिटाई भी की गई। सुशील के मोबाइल से उनकी पत्नी रानी तिवारी को कॉल करके एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी।

इस बीच अपहरणकर्ताओं ने ज्योतिषी के खाते से एक लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर लिए थे। सुशील के एटीएम से कई बार में एक लाख 35 हजार रुपये और निकाले गए। एक करोड़ की रकम न मिलने पर हत्या करने की धमकी दे रहे थे। इस दौरान ज्योतिषी ने पत्नी को मैसेज कर अपनी लोकेशन उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में बता दी थी।
मंगलवार सुबह पुलिस ने कानपुर की ओर जाते समय बिहारी गांव के पास सेंगुर नदी पुल से कार में सवार सिंगुरा मोतिहारी बिहार निवासी रोहित सिंह, माती रोड निवासी सत्यम सिंह चौहान व कैमाहा डेरापुर के पंकज को गिरफ्तार कर लिया। सत्यम मूल रूप से मूसानगर के गुलौली गांव का रहने वाला है।

वह भाजपा नेता है। उसकी कार में भाजपा का झंडा लगा है जिला मंत्री व उसका नाम लिखा है। पुलिस ने इनके पास से ज्योतिषी और चालक को सकुशल छुड़ा लिया। पुलिस ने ज्योतिषी का रेडियोएक्टिव मैटेरियल बाक्स , दो आरोपियों और एक ज्योतिषी की कार, सात मोबाइल, दो गमछे बरामद किए हैं।
अब जातिवाद आरोपों में घिरे भाजपा जिलाध्यक्ष अविनाश सिंह चौहान का कहना है कि आरोपी जिला मंत्री को जून माह में पद से हटा दिया गया था। उसकी भाजपा की सदस्यता भी खत्म कर दी गई थी। हालांकि उसको हटाने की कहीं भी पुष्टि नहीं हुई बल्कि उसकी फेसबुक प्रोफाइल से स्पष्ट है कि वो अभी जिला मंत्री के पद पर था।
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